Quest code (1290)
अहादीस में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ग़ुस्लख़ाने में पेशाब करने को मना फरमाया है, मगर एक साहब इसकी ये दलील देते हुए पाये गये *की अब ग़ुस्लखाने में पेशाब करने में कोई हर्ज नहीं क्योंकि आजकल के ग़ुस्लखाने पक्के बने होते हैं जिन्हें पानी बहा कर पाक किया जा सकता है… जबकि रसूलुल्लाह का फरमान उस वक़्त के लिये था जबकि ग़ुस्लखाने कच्चे हुआ करते थे और उनमें पेशाब कर देने से उसको पाक करने में दिक्कत आती थी…!!!*
मैं जानना चाहता हूं कि क्या ग़ुस्लखाने में पेशाब करने की इस किस्म की कोई गुंज़ाइश है या फिर ये बस उनके अपने मन की ही बात है…?