Quest code (791)
हर साल *शाबान* का महीना आते ही ये msg सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से फैलने लगता है, इस msg में कितनी हक़ीक़त और सच्चाई है बाराये मेहरबानी इस्लाह फरमायें…!
जो शख़्स *शबे बरात*
के अगले दिन का रोजा रखेगा
उसे 1 हज का सवाब मिलेगा
और उसके 2 साल के गुनाह
माफ कर दिय जायेगे /
जो ये बात दुसरो को बताएगा
उसके 80 साल के गुनाह माफ हो
जायेगे